अधीर रंजन ने मांगी माफी, कहा- मैंने अपमान नहीं किया, मुंह से गलती से निकल गया ‘राष्ट्र की पत्नी
Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहे जाने को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने माफी मांगी है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने जानबूझ कर ये नहीं कहा था, मेरे मुंह से ये गलती से निकल गया था। इसे लेकर भाजपा सांसदों ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी के विरोध में संसद में प्रदर्शन किया। लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही कि एक आदिवासी महिला इस देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही हैं। सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त नेता सदन अधीर रंजन ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र की पत्नी के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब से द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में घोषित हुआ तब से ही द्रौपदी मुर्मू कांग्रेस पार्टी की घृणा और उपहास का शिकार बनीं। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कठपुतली कहा।
सोनिया गांधी का आया बयान
#WATCH मैं जानता हूं कि भारत की राष्ट्रपति चाहे कोई भी हो वे हमारे लिए राष्ट्रपति ही हैं। ये शब्द बस एक बार निकला है। ये चूक हुई है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग राई का पहाड़ बना रहे हैं: अधीर रंजन चौधरी,कांग्रेस, दिल्ली pic.twitter.com/lLGWl7BOZb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2022
इस पूरे मामले पर सोनिया गांधी का भी बयान सामने आया है। इस पूरे विवाद पर सोनिया गांधी का कहना है कि अधीर रंजन चौधरी ने इस पर मांफी मांग ली है।
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#WATCH क्या अधीर रंजन ‘राष्ट्रपत्नी’ वाली टिप्पणी पर माफी मांगेंगे इस सवाल के जवाब में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “उन्होंने माफी मांग ली है।” pic.twitter.com/7VOxxAMZNV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2022
यह संबोधन संवैधानिक पद की गरिमा पर आघात करता है
चौधरी ने बुधवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू को ‘‘राष्ट्रपत्नी’’ कहकर संबोधित किया था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र की पत्नी के रूप में संबोधित किया जाना भारत के हर मूल्य और संस्कार के विरुद्ध है। यह जानते हुए कि यह संबोधन संवैधानिक पद की गरिमा पर आघात करता है, तब भी कांग्रेस के एक पुरुष नेता ने यह घृणित कार्य किया है।’’ उन्होंने कांग्रेस को आदिवासी, गरीब और महिला विरोधी पार्टी बताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि द्रौपदी मुर्मू को जब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया तभी से कांग्रेस उनका उपहास कर रही है और इस क्रम में उसने उन्हें कभी कठपुतली तो कभी अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा। स्मृति ने कहा, ‘‘मुर्मू के एक ऐतिहासिक चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि एक आदिवासी, गरीब महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही है।’’