राजस्थान में नियुक्तियों की तीसरी सूची का इंतजार कर रहे कांग्रेस के नेताओं को झटका लगा

राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची का इंतजार कर रहे कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं को झटका लगा है। सीएम गहलोत ने स्पष्ट कह दिया है कि राजनीतिक नियुक्तियां देना मेरे हाथ में नहीं है। सीएम ने कहा कि एआईसीसी ने यह नियम बना दिया कि राज्यों में राजनीतिक नियुक्तियां भी प्रदेश प्रभारी ही करेंगे। अब ऐसे में ऐसा सिस्टम बन गया कि हम समय पर नियुक्ति अब तक नहीं कर पाए। गहलोत के बयान से सबसे ज्यादा झटका पायलट गुट के नेताओं को लगा है। सचिन पायलट राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची की मांग करते रहे हैं।

पायलट अपने गुट के नेताओं को पहले जारी दो राजनीतिक नियुक्तियों की सूची में पर्याप्त स्थान मिला था। पायलट शेष बचे अपने समर्थकों को एडजस्ट कराना चाहते हैं। सीएम गहलोत के बयान से साफ हो गया है कि राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची का इंतजार कर रहे नेताओं को और इंतजार करना पड़ सकता है। सीएम गहलोत ने हाल ही में आजादी की गौरव यात्रा के समापन पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से शहीद स्मारक पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक नियुक्तियां देना मेरे हाथ में नहीं है।

इन बोर्ड-निगमों में होनी है राजनीतिक नियुक्तियां

राजस्थान में जिन राज्यस्तरीय बोर्ड-निगमों में नियुक्तियां अभी होनी शेष हैं उनमें मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक वित्त निगम, देवस्थान बोर्ड और हाउसिंग बोर्ड शामिल हैं. वहीं अकादमियों की बात करें तो साहित्य अकादमी, ब्रजभाषा अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, उर्दू अकादमी, ललित कला अकादमी, सिंधी अकादमी और संस्कृत अकादमी आदि में नियुक्तियां होनी है। जिन यूआईटी में नियुक्तियां होनी हैं उनमें अलवर, माउंट आबू, बाड़मेर, भीलवाड़ा, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, भिवाड़ी, बीकानेर, कोटा, जैसलमेर, पाली, उदयपुर, सीकर, श्रीगंगानगर और सवाईमाधोपुर शामिल हैं. इनके साथ ही जयपुर, जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण तथा मेला प्राधिकरणों में भी नियुक्तियां होनी हैं।

विधायक वाजिब अली-संदीप यादव को वेतन परिलाभ नहीं

इससे पहले राजनीतिक नियुक्तियों 132 नेताओं को नियुक्तियां दी गई थी। पहली सूची में 58 और दूसरी सूची में 74 नेताओं को राजनीतिक नियुक्ति का तोहफा दिया गया था। इसके बाद हाल ही में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक वाजिब अली और संदीप यादव को राजनीतिक नियुक्तियों को तोहफा मिला है। दोनों विधायक काफी समय से नाराज चल रहे थे।

भरतपुर के नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक वाजिब अली को राज्य राजस्थान राज्य खाद्य आयोग का अध्यक्ष बनाया है। जबकि अलवर जिले के तिजारा से विधायक संदीप यादव को भिवाड़ी शहरी आधारभूत बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। दोनों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। हालांकि,दोनों विधायकों के किसी प्रकार के वेतन भत्ते एवं परिलाभ देय नहीं होगा। इस संबंध में उपायुक्त एवं संयुक्त शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आदेश जारी किए है।

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