ट्विटर का दावा- भारत ने अब तक ट्वीट हटाने की मांग करने में रहा सभी देशों से आगे
माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ट्विटर पर पोस्ट किए गए कंटेंट को हटाने की मांग करने वाले देशों में सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच सभी तरह के यूजर्स के मामले में सामग्री को प्रतिबंधित करने का आदेश देने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल था। वहीं खातों से जुड़ी जानकारी मांगने में भारत सिर्फ अमेरिका से पीछे था।
ट्विटर ने बताया कि जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच उसे दुनियाभर से सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों से जुड़े 349 अकाउंट पर मौजूद सामग्री को हटाने की कानूनी मांग हासिल हुई। यह संख्या पूर्व की अवधि (जनवरी से जून 2021) से 103 फीसदी अधिक है। ट्विटर के अनुसार, इस वृद्धि के लिए मुख्य रूप से भारत (114), तुर्की (78), रूस (55) और पाकिस्तान (48) द्वारा दाखिल कानूनी आपत्तियां जिम्मेदार हैं। मालूम हो कि भारत जनवरी से जून 2021 के बीच की अवधि में भी इस सूची में शीर्ष पर था।
भारत के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी एक नाबालिग के सिलसिले में किए गए ट्वीट को हटाने की मांग की थी। वैसे तो कंपनी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उसका संदर्भ कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले साल अगस्त में किए गए ट्वीट को लेकर माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक नाबालिग दलित लड़की के माता-पिता से अपनी मुलाकात की तस्वीर साझा की थी। ट्विटर ने कहा, भारतीय कानून के मुताबिक, एक वरिष्ठ राजनेता द्वारा किए गए ट्वीट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स के अकाउंट से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने के सबसे ज्यादा अनुरोध (20 फीसदी) अमेरिका से मिले उसके बाद भारत (19 फीसदी) से। सर्वाधिक सूचना मांगने वाले शीर्ष पांच देशों में जापान, फ्रांस और जर्मनी भी शामिल हैं। जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच दुनियाभर में सामग्री हटाने के लिए किए गए कुल 47,572 अनुरोध में से 3,992 यानी आठ प्रतिशत अनुरोध भारत से मिले थे।
ट्विटर ने स्पष्ट किया कि कानूनी मांगों में सामग्री हटाने से संबंधित अदालती आदेश और अन्य औपचारिक मांगें शामिल हैं, जो सरकारी निकायों और व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं से प्राप्त होती हैं। बिना कोई विवरण देते हुए कंपनी ने बताया कि 2021 की दूसरी छमाही में वैश्विक स्तर पर प्रमाणित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के 17 ट्वीट हटाए गए, जबकि साल की पहली छमाही में ऐसे ट्वीट की संख्या 11 थी।