काबुल में सिख गुरुद्वारा करते परवन के पास बड़ा बम धमाका, पिछले हफ्ते भी हुआ था हमला

अफगानिस्तान के काबुल में स्थित गुरुद्वार करते परवान (Gurudwara Karte Parwan) के पास एक बार फिर से बम धमाका हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, करते परवान गुरुद्वारा के गेट पर बम धमाके खबर है. हालांकि, इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. तालिबान ने हाल ही में हिंदुओं और सिखों से अपील की थी कि अब अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थापित हो गई है और वे अब लौट सकते हैं. आपको बता दें कि इसी गुरुद्वारा में जून के महीने में भी एक बम धमाका हुआ था. इस्लामिक स्टेट खुरासन के आतंकियों ने इस गुरुद्वारे को अपना निशाना बनाया था. काबुल का यह गुरुद्वारा लंबे समय से तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों के निशाने पर बना हुआ है.

धमाके के बाद इंडिया वर्ल्ड फोरम की ओर से एक वीडियो सामने आया है. इंडिया वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंढोक ने कहा है, ‘गुरुद्वारा करते परवान के मुख्य गेट के पास एक बम धमाका हुआ है. हालांकि, हिंदू और सिख समुदाय के लोग अभी तक पूरी तरह से सुरक्षित हैं.’ एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से हिंदुओं और सिखों का पलायन इस कदर हुआ है कि अब यहां इन समुदायों की जनसंख्या 600 के आसपास ही रह गई है.

एक तरफ शांति की अपील, दूसरी तरफ बम धमाका

अफगानिस्तान में सिख समुदाय उस वक्त से ही काफी खतरे में है जब से तालिबान ने सत्ता परिवर्तन करके शासन की बागडोर अपने हाथ में ले ली है. कुछ महीनों पहले भी इसी गुरुद्वारे में हमला हुआ था जिसमें सिख समुदाय के कई लोग मारे गए थे. इसके बाद सिख समुदाय के कई लोग अफगानिस्तान छोड़कर भारत समेत दूसरे देशों में पलायन पर मजबूर हो गए थे.

हाल ही में तालिबान ने सिखों से अपील की थी कि वे अफगानिस्तान लौट आएं. तालिबान प्रशासन ने अफगानिस्तान से पलायन करने वाले हिंदुओं और सिखों से अपील की थी कि अब अफगानिस्तान सुरक्षित है, अब लौट आइए. आपको बता दें कि जून 2022 के अलावा साल 2020 में भी इस गुरुद्वारा पर आतंकी हमला हो चुका है. लंबे समय से यह गुरुद्वारा आतंकियों के निशाने पर रहा है.

एक वीडियो संदेश में, ISKP ने पैगंबर पर भाजपा के दो पूर्व कार्यकर्ताओं द्वारा की गई टिप्पणियों के प्रतिशोध में हिंदुओं पर हमला करने की चेतावनी दी। कुछ दिनों बाद गुरुद्वारे पर हमला हुआ। अतीत में भी ISKP ने अफगानिस्तान में हिंदू, सिख और शिया समुदायों के धार्मिक स्थलों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है। इस बीच, काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की अफगान नेताओं और संयुक्त राष्ट्र ने भारी आलोचना की थी।

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