अगर आप भी हैं चावल और सफ़ेद पास्ता की शौक़ीन तो हो जाएँ सावधान, हो सकती है ये गम्भीर समस्या
नई दिल्ली: भारत में कई तरह के खान-पान हैं। हर राज्य का अपना अलग-अलग खान पान है। भारत के कई हिस्सों में चावल को बड़े चाव से खाया जाता है। कुछ लोगों का तो जीवन ही चावल के ऊपर निर्भर रहता है। अगर आप भी चावल खाने की शौक़ीन हैं तो यक़ीनन आपको पहले यह ख़बर पढ़ लेनी चाहिए। अगर आप चावल और सफ़ेद पास्ता खाने की शौक़ीन हैं तो आपको अपनी यह आदत जल्द से जल्द बदल देनी चाहिए।
जी हाँ हाल ही में सामने आए एक शोध के अनुसार सफ़ेद पास्ता और चावल का ज़्यादा सेवन करने से महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज़ होने का ख़तरा रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेनोपॉज़ महिलाओं में होने वाली एक सामान्य अवस्था होती है। हालाँकि भारत जैसे विकासशील देश में इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। मेनोपॉज़ उन महिलाओं को होता है, जिन्हें एक उम्र तक आते-आते मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। मेनोपॉज़ के चरण में आ चुकी महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अगर मेनोपॉज़ को आसान शब्दों में कहें तो प्रजनन हार्मोन में प्राकृतिक गिरावट ही मेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति कहलाता है। अक्सर लोग इसे बीमारी समझ बैठते हैं, जबकि यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। लेकिन समय से पहले मेनोपॉज़ हो जाना एक गम्भीर समस्या है। हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक शोध में चेतावनी दी गयी है कि महिलाओं को ज़्यादा चावल और सफ़ेद पास्ता का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे मेनोपॉज़ समय से लगभग डेढ़ वर्ष पहले ही हो सकता है। सेहतमंद चीज़ें जैसे ऑयली फ़िश और ताज़ी फलियाँ जैसे मटर और हरे बिंस का सेवन करने से मेनोपॉज़ देर से होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीड्स के शोधकर्ताओं ने महिलाओं के खान-पान और मेनोपॉज़ के लक्षण के बीच सम्बंध तलाशने के मक़सद से एक शोध किया। इस शोध में ब्रिटेन की 14150 महिलाओं को शामिल किया गया। शोधकर्ता याश्वी डननेराम ने बताया कि यह अपने तरह का पहला शोध है, जिसमें ब्रिटेन की महिलाओं में न्यूट्रिशंस, खाद्य समूहों की विविधता और प्राकृतिक मेनोपॉज़ के समय के बीच सम्बंध तलाश गया। इस शोध के लिए प्रश्नावली के साथ ही महिलाओं के प्रजनन के इतिहास और उनकी सेहत के बारे में जानकारी जुटाई गयी। लगभग चार साल के बाद उन महिलाओं के खान-पान का आंकलन किया गया, जिन्हें इस बीच मेनोपॉज़ हो गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें ब्रिटेन में महिलाओं में मेनोपॉज़ की औसत उम्र 51 साल है। शोध में शामिल की गयी लगभग 900 महिलाओं को इस बीच मेनोपॉज़ हुआ। शोध के दौरान यह बात सामने आयी कि जिन महिलाओं ने ऑयली फ़िश का अधिक से अधिक सेवन किया, उन्हें काम से काम तीन साल देरी से मेनोपॉज़ हुआ। इसी शोध में यह बात भी सामने आयी कि जिन महिलाओं ने रिफ़ाइंड पास्ता और चावल का अधिक सेवन किया, उनमें मेनोपॉज़ डेढ़ साल पहले ही हो गया।