45 सालों से इस महान साधु ने अपना एक हाथ उठा रखा है ऊपर, वजह जानकर हर कोई हिल गया

दुनिया रहस्यों से भरी है. कुछ रहस्य वक्त के साथ इंसान के सामने खुल जाते हैं तो कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जो ताउम्र रहस्य ही बने रहते हैं. आये दिन आप टीवी पर या अखबार में अजीबोगरीब घटनाओं के बारे में पढ़ते होंगे. ये घटनाएं इतनी अजीब होती हैं कि पढ़ने वालों का सिर चकरा जाता है. कभी 80 साल का बुजुर्ग 20 साल की लड़की से शादी कर लेता है तो कभी दस-बारह साल की बच्चियां गर्भ धारण कर लेती हैं. कभी कोई पिता अपनी ही बेटी से संबंध बना लेता है तो कभी कोई मां अपने ही मासूम का गला घोंट देती है. ऐसा अनोखी घटनाओं के बारे में सुनकर आप भी यही सोचने पर मजबूर हो जाते होंगे कि भला ये सब कैसे संभव है. एक बार फिर ऐसी ही एक अविश्वसनीय घटना हम आप सब के लिए लेकर आये हैं. इस घटना के बारे में जब आपको पता चलेगा तब आप भी यही कहेंगे कि भला ये कैसे संभव है. लेकिन आज जो खबर हम आपके लिए लेकर आये हैं उसे सुनकर आप हैरान भी हो जाएंगे और तारीफ़ भी करेंगे. ये खबर एक साधु की है जिन्होंने जन कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया है. इस महान व्यक्ति के बारे में जानकर देश नहीं बल्कि विदेश के भी लोग हैरान हैं. आखिर ऐसा क्या किया है इस साधु ने? चलिए आपको बताते हैं.

हम जिस साधु की बात कर रहे हैं उनका नाम अमर भारती है. दरअसल, इन्होंने अपना एक हाथ 45 सालों से ऊपर उठा कर रखा है. इन्होंने अपने इस हाथ को एक सेकंड के लिए भी नीचे नहीं किया. बता दें, साधु अमर भारती भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं. अमर भारती ने अपना दायां हाथ पिछले 45 सालों से ऊपर की तरफ किया हुआ है. इनका दायां हाथ सिर्फ बड़े-बड़े नाखूनों की निशानी बनकर रह गया है.

अपने इस अनोखे कारनामे की वजह से ये दुनियाभर में मशहूर हो गए हैं. पहले ये भी अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ एक सामान्य जीवन व्यतीत किया करते थे. लेकिन परिवार ने उनका साथ छोड़ दिया जब उन्होंने अपना एक हाथ ऊपर उठाने का फैसला किया. अमर भारती ने भगवान शिव को अपना इष्टदेव माना और साधु बनकर सड़कों पर घूमने लगे.

दरअसल, 1973 के दौरान इन्होंने अपना दायां हाथ हमेशा के लिए ऊपर कर लिया था और तब से लेकर अब तक उनका ये हाथ ऊपर की तरफ है. वह चाहकर भी इसे नीचे नहीं कर पाते. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका ये हाथ अब पहले की तरह सामान्य नहीं रह गया है. उन्होंने बताया कि पहले उन्हें काफी दर्द हुआ करता था लेकिन अब कुछ महसूस नहीं होता. उन्होंने कहा कि साल 1973 में उन्हें एक सपना आया था जिस वजह से उन्हें ये कदम उठाना पड़ा. तब से लेकर अब तक उनका दायां हाथ ऊपर की तरफ है.

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