राज्यसभा में विपक्ष को मात देने की तैयारी में मोदी सरकार, इस बिल पर आ सकता है अहम फैसला

वर्तमान 16वीं लोकसभा के अंंतिम मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। आज सरकार राज्यसभा में तीन तलाक बिल को पेश कर सकती है, लोकसभा में बिल पारित होने के बाद यह राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के चलते लटक गया है। ऐसे में सरकार ने बिल में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए इसे फिर से राज्यसभा के समक्ष पेश कर रही है। भाजपा ने अपने सभी सांसदों को सदन में पेश होने के लिए कहा है। वहीं विपक्ष के द्वारा इस बिल के खिलाफ हंगामा करने के आसार भी हैं। सनद रहे कि गुरूवार को ही राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में  एनडीए के हरिवंश नारायण सिंह ने जीत हासिल की है। ऐसे में राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद मजबूत नजर आ रही है।

 

उच्चतम न्यायालय का आदेश- अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने तीन तलाक बिल पर अहम फैसला दिया था। और तीन तलाक को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया । पाँच जजों की बेंच इस फैसले पर एकमत नहीं थी, किंतु 3-2 के बहुमत से यह फैसला दिया गया था। तीन जजों का मानना था कि तीन तलााक बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है और यह नागरिक के संवैधानिक अधिकारों और आजादी का हनन है। जबकि अन्य दो जजों का मानना था कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है। 3-2 के बहुमत के फैसले के बाद सरकार को यह आदेश दिया गया था कि वह इस पर सख्त कानून बनाए और मुस्लिम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे।

संशोधनों के साथ आया बिल- तीन तलाक बिल में तीन अहम संशोधन किए गए हैं । इन संशोधनों के अनुसार पहला संशोधन ये कि अब तीन तलाक जैसे मामलों में सिर्फ पत्नी या पत्नी के खून के रिश्तेदार या फिर ससुराल पक्ष का कोई रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकता है। कोई पड़ोसी या कोई भी अन्य व्यक्ति जो रिश्ता न रखता हो वह इस मामले में केस दर्ज नहीं करा सकता। दूसरा संशोधन कि समझौते के गुंजाइश को जगह दी गई है। मतलब पति या पत्नी कोर्ट के सामने आपसी समझौता करने को राजी हों तो यह मान्य होगा। और दोनों के बीच सुलह की जा सकती है, यह जज या मजिस्ट्रेट तय करेगा। अगर कोई जुर्माना लगाना हो तो ये जुर्माना भी मजिस्ट्रेट ही तय करेगा। तीसरे संशोधन के अनुसार तीन तलाक देने वाले आरोपी को मजिस्ट्रेट दोनों पक्ष सुनने खास कर पत्नी का पक्ष सुनने के बाद जमानत दे सकता है।

मानसून सत्र में विपक्ष को तीसरा झटका- 14वीं लोकसभा के मानसून सत्र में यह विपक्ष को तीसरा बड़ा झटका होगा। पहले अविश्वास प्रस्ताव में हार गई उसके बाद राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में मात मिली और तीन तलाक बिल आज पेश होने जा रहा है।

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