एकनाथ शिंदे ने बतौर मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता आम आदमी के लिए काम करने की है। उन्होंने कहा कि वह अन्य पिछड़ा वर्गों, मराठा और धनगर समुदायों को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने पहले दिन से काम करना शुरू कर दिया और हमारी प्राथमिकता आम आदमी, किसानों, श्रमजीवी वर्ग के लिए काम करने की है। सरकार ओबीसी, मराठा और धनगर (चरवाहा) समुदायों को आरक्षण के लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।’
एकनाथ शिंदे ने बतौर मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर शिंदे ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण राज्य के 28 जिलों में 15 लाख हेक्टेयर जमीन को नुकसान पहुंचा है। प्रभावित लोगों को दी जाने वाली सहायता राशि दोगुनी कर दी गई है। उन्होंने कहा, ‘बाढ़ का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए हम वैज्ञानिक ढंग से नदियों को गहरा बनाने और उनकी गाद निकालने का एक कार्यक्रम चला रहे हैं।’
‘बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के काम में तेजी’
पर्यावरण के मोर्चे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मैन्ग्रोव वनों को आरक्षित वन घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण को 60,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने की अनुमति दी गई है, जिससे कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के काम में तेजी आएगी। शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
‘जल जीवन मिशन का 75% काम पूरा’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करेगी। राज्य के किसी भी विद्यालय में केवल एक शिक्षक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन का 75 प्रतिशत क्रियान्वयन किया जा चुका है, जिसका मकसद सभी ग्रामीण घरों तक नल से पीने का पानी मुहैया कराना है। केंद्र सरकार की आवासीय योजना ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ पर काम चल रहा है।
‘मुंबई-नागपुर को जोड़ने वाले राजमार्ग का पहला चरण शुरू’
शिंदे ने कहा कि आने वाले दिनों में मुंबई और नागपुर को जोड़ने वाले समृद्धि राजमार्ग का पहला चरण शुरू होगा। उन्होंने ‘ग्रीनफील्ड’ शहर विकसित पर भी जोर दिया। ‘ग्रीनफील्ड’ शहरों का उद्देश्य औद्योगिकीकरण और विनिर्माण बढ़ाना व नौकरियां पैदा करना है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने हाल में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा समेत कई उद्योगपतियों से मुलाकात की जिन्होंने इस पर सकारात्मक जवाब दिया है।