महिलायें भी बनना चाहती है अग्निवीर, 82 हजार से अधिक महिलाओं ने किया आवेदन
भारतीय नौसेना ने अग्निपथ भर्ती योजना के तहत महिला नाविकों की भर्ती की घोषणा की है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट (एसएसआर) और मैट्रिक रिक्रूट (एमआर) के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बुधवार को संपन्न हुई। भारतीय नौसेना को 80,000 से अधिक महिला उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।
भारतीय नौसेना के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर कहा, “भारतीय नौसेना के SSR (सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट) और MR (मैट्रिक रिक्रूट) के अग्निपथ योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 82,000 महिला उम्मीदवारों सहित 9.55 लाख अग्निवीर आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।”
वैसे तो तीनों सेवाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) में महिला अधिकारी हैं, लेकिन यह पहली बार होगा जब अधिकारी रैंक से नीचे के कार्मिक (PBOR) के पद महिलाओं के लिए खुले होंगे।
कार्मिक प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने रविवार को रक्षा मंत्रालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम अभी भी अग्निपथ योजना के माध्यम से भर्ती होने वाली महिला नाविकों की सही संख्या तैयार कर रहे हैं।” अग्निवीर का पहला बैच इस साल नवंबर में शुरू होगा।
उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में विभिन्न भारतीय नौसेना के जहाजों पर नौकायन करने वाली 30 महिला अधिकारी हैं। हमने तय किया है कि अग्निपथ योजना के तहत हम महिलाओं की भी भर्ती करेंगे। उन्हें युद्धपोतों पर भी तैनात किया जाएगा।” त्रिपाठी ने कहा, “इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक ‘अग्निवर’ प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू कर देगा। महिला और पुरुष दोनों अग्निवीर पहुंच सकते हैं।”
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 14 जून को तीनों सेना प्रमुखों की उपस्थिति में घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष की आयु के युवाओं की सशस्त्र सेवाओं में भर्ती का प्रावधान है। चार वर्षों के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को ही स्थाई नौकरी दी जाएगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने बाद में 2022 के लिए भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून को अग्निपथ योजना को मंजूरी दी और इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। सरकार ने घोषणा की थी कि इस साल 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। कुछ राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।